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Rabindranath Tagore Jayanti This Post Design By The Revolution Deshbhakt Hindustani

Rabindranath Tagore Jayanti

नोबेल प्राइज जीतने वाले पहले एशियन- रवींद्रनाथ टैगोर, एक कवि से, कहीं ज्यादा थे। भारत के स्वतंत्रता संग्राम सहित, बंगाली आबादी और हिंदु- मुस्लिमों को एक करने में उनका बहुत योगदान था। अंग्रेजों द्वारा दिए गए नाइटहुड के खिताब को छोड़ने के अलावा, वो सत्याग्रह, स्वदेशी और सविनय अवज्ञा आंदोलन में भी शामिल थे। टैगोर- महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, सी राजगोपालाचारी और सुभाष चंद्र बोस सहित कई नेताओं के अच्छे मित्र थे। भारत और बांगलादेश के, राष्ट्रगान लिखने के अलावा, उन्होंने श्रीलंका के राष्ट्रगान "श्रीलंका मठ" को भी प्रेरित किया था। 7 मई 1861 को कलकत्ता में जन्मे, रवींद्रनाथ टैगोर, एक

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अमीर ब्राह्मण परिवार से थे। वो, देबेंद्रनाथ टैगोर और शारदा देवी के 14 बच्चों में, सबसे छोटे थे। कम उम्र में ही अपनी माँ को खो दिया, इसलिए उनके केयरटेकर्स ने ही उनका पालन-पोषण किया। पढ़ाई में कमजोर थे, इसलिए कभी ओरिएंटल सेमिनरी, कैलकत्ता अकेडमी और कभी सेंट जेवियर स्कूल बदला। और अंत में, स्कूल से ड्रॉप आउट करना पड़ा। हालांकि जादुनाथ भट्टाचार्य जैसे म्यूजिशियन, उन्हें घर पर संगीत सिखाने आते थे। पिता चाहते थे कि वो, बैरिस्टर बनें, लेकिन लंदन में, कोर्स पूरा किए बिना ही, भारत लौट आए।

आध्यात्म और खुद की खोज में, काफी समय, शांतिनिकेतन, अमृतसर के गोल्डनटेंपल और हिमालय में भी रहे। रामायण और शेक्सपीयर से, बहुत प्रभावित थे। उन्होंने, 8 साल की छोटी उम्र में, कविता लिखना शुरू कर दिया था। गीतांजलि उनका कविता संग्रह है, जिसके लिए उन्हें साल 1913 में नोबेल प्राइज मिला था। उनके, 2000 से ज्यादा गाने और 2300 से ज्यादा पेंटिंग्ज हैं। उन्होंने, 30 से ज्यादा देशों की यात्रा की है। "सिर्फ खड़े होकर, पानी देखने से आप नदी पार नहीं कर सकते।" यह विचार है- प्रसिद्ध कवि, कहानीकार, गीतकार, संगीतकार, चित्रकार और नाटककार- रवींद्रनाथ टैगोर का। वो तो, अपने जीवन की नदी में, एक कुशल तैराक साबित हुए हैं, और आप?